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Saturday, 21 June 2025

सृजनधर्मियों के लिए आवास/कला ग्राम जिसके अंतर्गत काम करने के किये पर्याप्त स्पेस/जगह होना,भारतीय सॉफ्ट पावर इंडस्ट्रीज़ तथा सृजनकर्म कों बढ़ावा देगा.

सृजनकर्म से जुड़े तमाम कर्मियों के लिए आवास तथा काम करने किजगह पर्याप्त मिले इसके लिए मैं 1988 से अब तक आवाज़ उठता रहता हूँ.काफ़ी समय बीत चुका है पर कुछ हुआ नहीं है.देश में विकास के बहुत सारे काम हो रहे हैं.बेघरों कों घर मिल रहे हैं.स्मार्ट सिटी बन रहा है पर उसमें क्रिएटिव लोगों के लिए जगह क्यों नहीं है.
हमारे सृजनकर्मी ज़मात भी चुप है.कोई आवाज़ कहीं से भी सुनाई नहीं पडती. अपने लिए नहीं तों अपनी अगली पीढ़ी के लिए तों बोलें. सरकार से मांग करें.विज़ुअल आर्ट,परफॉर्मिंग आर्ट,साहित्य, फ़िल्म जैसे विषय से जुड़े लोग देश में सॉफ्ट पावर इंडस्ट्रीज़ कों बढ़ावा दे सकते हैं. केन्द्र तथा राज्य सरकारों कों आर्थिक लाभ होगा.कलाकारों कों संरक्षण मिलेगा.
नीचे कुछ पुराने पोस्ट इस विषय पर केंद्रित पढ़े जा सकते हैं.
आइये मिलजुलकर सांस्कृतिक जगत कों विस्तार से पनपने,बढ़ने,सम्मान सहित जीवन यापन होने का अवसर तालाशें.क्रिएटिव जगत कों विस्तार दें.पँख फैलाने,पसरने,पनपने का अवसर बनायें.गहराई से विचार करें.
अनिल कुमार सिन्हा.
विचारक, लेखक,कलाकार.
21 जून 2025.


Friends discuss & try to build Art storage fecility & woking art space,art studio in all Indian states capital,Delhi & Delhi NCR.
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भारतीय सॉफ्ट पॉवर इंडस्ट्री से जुड़े सृजनशील सभी लोग,कलाकार कलाकारों के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने हेतु विचार करें।चर्चा करें।प्रयास करें।दुनियाँ तेज़ी से बदल रही है।AI आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का ज़माना है।कला की ज़रूरतें,आधुनिक संसाधन विकसित होना ज़रूरी है।कला की जितनी भी सरकारी ,निजी कला संस्थान वह अपना कर रहीं है।इतने बड़े देश में लाखों कलाकार प्रत्येक 10 वर्षों में फील्ड में आ रहे हैं।स्थापित कलाकारों की कृतियों का रख रखाव एक समस्या है।उनके बाद कृतियों का क्या होता है?ज्यादातर कृतियाँ नष्ट हो जाती हैं।

नई युवा पीढ़ी की कृतियों को संजोना।सही स्थान,जगह उपलब्ध कराना भी ज़रूरी है।दुनियाँ के विकसित देश में आर्ट स्टूडियो तथा आर्ट स्टोरेज पर काम होता रहता है।कृतियों को संजोना,रेस्टोरेशन,रखरखाव की ट्रेनिंग होती है।फुल टाइम प्रशिक्षितआर्ट क्रिटिक हैं जो कलाकारों की कृतियों पर चर्चा करते हैं।समीक्षा होती है।देश दुनियाँ में प्रचप्रसार होता है।कलाकारों का कद बड़ा होता है।भारत में भीऐसे प्रयास हो रहे हैं।राइटर्स को भीआधुनिक संसाधन मिलने चाहिए।

साउथ कोरिया में एक निजी फर्म ने एक मिलियन स्क्वायर फ़ीट एरिया में मैसिव आर्ट स्टोरेज,लक्ज़री गुड्स की सुविधा विकसित की जा रही है।इस प्रोजेक्ट पर $283.3 मिलियन डॉलर ख़र्च होगा जो वर्ष 2026 में तैयार हो जायेगा।यह कृतियों के रख रखाव के लिए उपयोगी होगा।कृतियाँ सुरक्षित रखी जा सकेगी।

मैं वर्ष 1988 से कलाग्राम,स्मार्ट सिटी में कलाकारों को आवास,आर्ट गैलरी,आर्ट स्टोरेज जैसे अन्य मुद्दों पर चर्चा करता रहता हूँ।सरकारों को लिखता रहा हूँ।लड़ता रहा।कुछ काम बिहार में हुए भी हैं।आवास जा मुद्दा का हल नहीं हो सका है।सामूहिक प्रयास की ज़रूरत है।

देश के सभी कलाकारों को मिलकर प्रयास करना होगा।तभी देश का सॉफ्ट पॉवर इंडस्टआधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।कलाकारों के लिए आवास,आर्ट स्टूडियो,आर्ट स्टोरेज फैसिलिटी मिल सकेगी।आपका हक़ है अपनी मांग सरकारों के सामने रखना।अपनी ज़रूरते बतायें।
निजी ब्यापरिक संस्थान ऐसे इंफ्रास्ट्रक्टर भारत में विकसित कर सकती हैं।

अनिल कुमार सिन्हा।
Anilksartstudio 
नॉएडा। 13.11.2023.

#artstudio #artstudiospace #indianfashion
#ratantata #billgatesfoundation #mukeshambani #Mahendra&Mahendra #AnandMahindra  #anilagrawal #photography #holidayhomes  #indianfilmindustry #artbuyersandsellers #artbuyersnetwork #vedantagroup #PMO #Mygov
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भारतीय सॉफ्ट पॉवर इंडस्ट्री से जुड़े सृजनशील सभी लोग,कलाकार कलाकारों के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने हेतु विचार करें।चर्चा करें।प्रयास करें।दुनियाँ तेज़ी से बदल रही है।AI आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का ज़माना है।कला की ज़रूरतें,आधुनिक संसाधन विकसित होना ज़रूरी है।कला की जितनी भी सरकारी ,निजी कला संस्थान वह अपना कर रहीं है।इतने बड़े देश में लाखों कलाकार प्रत्येक 10 वर्षों में फील्ड में आ रहे हैं।स्थापित कलाकारों की कृतियों का रख रखाव एक समस्या है।उनके बाद कृतियों का क्या होता है?ज्यादातर कृतियाँ नष्ट हो जाती हैं।

नई युवा पीढ़ी की कृतियों को संजोना।सही स्थान,जगह उपलब्ध कराना भी ज़रूरी है।दुनियाँ के विकसित देश में आर्ट स्टूडियो तथा आर्ट स्टोरेज पर काम होता रहता है।कृतियों को संजोना,रेस्टोरेशन,रखरखाव की ट्रेनिंग होती है।फुल टाइम प्रशिक्षितआर्ट क्रिटिक हैं जो कलाकारों की कृतियों पर चर्चा करते हैं।समीक्षा होती है।देश दुनियाँ में प्रचप्रसार होता है।कलाकारों का कद बड़ा होता है।भारत में भीऐसे प्रयास हो रहे हैं।राइटर्स को भीआधुनिक संसाधन मिलने चाहिए।

साउथ कोरिया में एक निजी फर्म ने एक मिलियन स्क्वायर फ़ीट एरिया में मैसिव आर्ट स्टोरेज,लक्ज़री गुड्स की सुविधा विकसित की जा रही है।इस प्रोजेक्ट पर $283.3 मिलियन डॉलर ख़र्च होगा जो वर्ष 2026 में तैयार हो जायेगा।यह कृतियों के रख रखाव के लिए उपयोगी होगा।कृतियाँ सुरक्षित रखी जा सकेगी।

मैं वर्ष 1988 से कलाग्राम,स्मार्ट सिटी में कलाकारों को आवास,आर्ट गैलरी,आर्ट स्टोरेज जैसे अन्य मुद्दों पर चर्चा करता रहता हूँ।सरकारों को लिखता रहा हूँ।लड़ता रहा।कुछ काम बिहार में हुए भी हैं।आवास जा मुद्दा का हल नहीं हो सका है।सामूहिक प्रयास की ज़रूरत है।

देश के सभी कलाकारों को मिलकर प्रयास करना होगा।तभी देश का सॉफ्ट पॉवर इंडस्टआधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।कलाकारों के लिए आवास,आर्ट स्टूडियो,आर्ट स्टोरेज फैसिलिटी मिल सकेगी।आपका हक़ है अपनी मांग सरकारों के सामने रखना।अपनी ज़रूरते बतायें।
निजी ब्यापरिक संस्थान ऐसे इंफ्रास्ट्रक्टर भारत में विकसित कर सकती हैं।

अनिल कुमार सिन्हा।
Anilksartstudio 
नॉएडा। 13.11.2023.

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Art storage fecility & woking space,art studio to creative working artists.

All creative people should make 
collective efforts to develop infrastructure for themselves.The contribution of private business houses and private companies will be important and beneficial. Governments can also help.We have to come forward together.

Creative people should have access to modern resources and working space.
Their contribution to the Indian soft power Industries,economy will be possible.
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भाई MK Madhu जी ने मेरे जन्मदिन पर 12 जून 2025 को "कला ग्राम" कि एक तस्बीर इनकम टैक्स गोलम्बर पर संस्कृतिकर्मियों के धरने कि प्रेस कटिंग पोस्ट किया था.मधु जी जैसे अनेकों संस्कृतियों के दिल में यह दर्द आज भी है कि "कला ग्राम" बन नहीं सका.शायद हमारे प्रयास में कुछ कमी रह गई हो.
बिहार सरकार में तेजी से नए प्रोजेक्ट्स बन रहे हैं.काम हो रहा है. "कला ग्राम" का नया नाम जो उचित लगे बदलकर भी सरकार इसका निर्माण कर सकती है.सृजनधार्मियों का भला होगा. बिहार के सॉफ्ट पावर इंडस्ट्री कों बढ़ावा मिलेगा.बिहार राज्य कों आर्थिक ताकत मिलेगी.
युवा पीढ़ी आगे आयें और "कला ग्राम" प्रोजेक्ट को साकार करें.युवा पीढ़ी कों ही इसका लाभ मिलेगा. एक स्पेस जो आपका होगा.जहाँ आप खुलकर सृजन कर सकेंगें.
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MK Madhu
6जनवरी1991को पटना के बेली रोड पर जेपी गोलंबर के पास प्रख्यात चित्र - कलाकार अनिल कुमार सिन्हा के नेतृत्व में बिहार में कला ग्राम की स्थापना की मांग को लेकर संस्कृति कर्मियों के धरने का महती आयोजन हुआ था जिसमे मेरी भी महती भागीदारी थी ।इस संदर्भ में सरकार को इसकी रूपरेखा के साथ एक ज्ञापन भी दिया गया था।   कला ग्राम की मांग आज भी बरकरार है। इसके अंतर्गत फिल्म स्टूडियो के साथ साथ कला की सभी विधाओं के केंद्र की स्थापना की बात कही गयी थी। यह राजगृह या गंगा नदी के किनारे स्थापित किया जा सकता है। इससे बिहार में पर्यटन के नए आयाम खुल जाएंगे। पलायन रुकेंगे और नियोजन के बहुत रास्ते तैयार जाएंगे।
आज अनिल सिन्हा का जन्मदिन है , उन्हें बहुत बहुत बधाई।

Thanks भाई मधु जी.

"कला ग्राम और "सॉफ्ट पावर इंडस्ट्रीज
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बिहार सरकार सॉफ्ट पावर कों बढ़ावा देने हेतु "कला ग्राम"का निर्माण करें.
"कला ग्राम" बिहार में बनना चाहिए.सॉफ्ट पावर इंडस्ट्रीज कों बढ़ावा मिलेगा.सॉफ्ट पॉवर कि ताकत कों बिहार सरकार समझें. पहल करें. कलाकारों कि मदद से राज्य के लिए धन अर्जित किया जा सकता है. सरकार तथा सृजनधर्मियों दोनों का भला होगा.

विजुअल आर्ट्स,परफोर्मिंग आर्ट्स,साहित्य,फ़िल्म, सभी कालाओं से जुड़े लोगों कों आवास,स्टूडियो,लाइब्रेरी,गेस्ट हॉउस,डॉक्यूमेंटेशन सेंटर आदि बनेगा.
यह आज भी कल्पना है.बिहार में बहुत सारे विकास के काम हो रहे हैं."कला ग्राम" प्रोजेक्ट भी बनना चाहिए.सभी कलाकार मांग करें. बिना मांगे कुछ नहीं मिलता.

उत्तर प्रदेश के जेवर में 1000 एकड़ लैंड में फ़िल्म city बन रहा है.वैसे ही बिहार में कलाकारों के लिए सृजनात्मक स्पेस "कला ग्राम" बने.ईश्वर कलाकारों पर कृपा करें.उनके जीवन स्तर में सुधार होना चाहिए.

Anil Kumar Sinha.
14 जून 2025.
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