अपने समाज के सामाजिक,सांस्कृतिक,राजनैतिक परिवेश को अशोक ने आत्मसात किया है।समझा है।अनुभव किया है।
इन्हें अपनी मिट्टी से प्यार है।बचपन में माता पिता,परिवार,मित्रों के साथ जो प्यार मिला उसे संजों कर रखा है।श्रमजीवि परिवार से यह आते हैं।कला सृजन के प्रति इनकी रूचि माता-पिता से मिले संस्कार का प्रभाव इनके जीवन तथा कृतियों पर दिखता है।भारतीय परिवेश में हम अपने जीवन में इसका अधिक महत्व देते हैं।छोटे शहर के कलाकार को बड़े सपनों ने देश दुनियाँ के भ्रमण,आवलोकन का अवसर दिया।इन अवसरों का बखूबी अशोक ने अपने कला सृजन के लिए आजमाया है।प्रयोग किया है।
कला सृजन में कलाकारों के परिवेश का प्रभाव उनके चित्रों में दिखता है।बचपन से मन मस्तिष्क में संग्रहित आकार,प्रकार,आकृतियाँ कैनवास पर रूपांतरित होती हैं।हमारे परिवेश,संस्कार में जों
तीज,त्यौहार जैसे होली,दीपावली,दशहरा,छठ अदि होते हैं उसमें खिलौने,दिया,कुल्हड़,मिटटी के बाघ,हाथी,गाय, घोड़े,चिड़ियां,तितली,चूहे,मछली जैसे अनेक प्रतिरूप बनते हैं।ग्रामिण/छोटे शहरों की महिलाओं के वस्त्र,आभूषण क्रिएटिव लोगों को आकर्षित करते हैं।अशोक के चित्रों में इन आकृतियों को देखा जा सकता है।आकृति मूलक इनके चित्र भारतीय परिवेश को दर्शाता है।इनके चित्रों की रेखायें सुडौल,साफ सुथरी और निर्भीक हैं।रेखाओं की इनकी भाषा,संवाद दर्शकों तक सीधे पहुंचती है।
अशोक के चित्रों में रेखाओं का महत्वपूर्ण स्थान होता है।
कलाकृतियों में रंगों का फैलाव,लगाने का तरीका,टेक्सचर क्रिएट कर कलाकार चित्रों में आकर्षण पैदा करता है।रंग,रेखाओं तथा ब्रश के आघात से किये गये अभ्यास तस्बीरों में विभिन्न आयाम बनते हैं।अशोक के चित्रों में बेसिक कलर्स के साथ गोल्डन,सिल्वर,रेड,ब्लू,बर्न्टसाईना के डायरेक्ट तथा सफ़ेद रंगों के मिश्रण से बने सॉफ्ट कलर्स चित्रों में खूबसूरती क्रिएट करती हैं।इनके चित्रों में सुकून,शांति दिखती है।स्त्री,पुरुष के चेहरे के भाव में सच्चाई झलकती है।रंगों का बहाव बहते झरने की मधुर संगीत की तरह ध्वनि क्रिएट करता है।चित्रों में इसे महसूस किया जा सकता है।अशोक के चित्रों में उनके शांत,सहज,सरल स्वभाव का आभास होता है।
अशोक की आत्मा उसकी सोंच,समझ,अनुभव,उसके जीवन संस्कार का आइना है उनके चित्र।
अनिल कुमार सिन्हा
चर्चित चित्रकार,कला-लेखन।
07835847147
09431014644
नॉएडा
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