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Monday, 27 April 2020

सभी देश विश्व में पर्यावरण को शुद्ध,साफ सुथरा रखने हेतु हर महीने के अंतिम शनिवार,रविवार को पूर्ण लॉक डाउन रखें।

कोरोनॉ के कारण दुनियाँ परेशान है।मौत की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।बड़े बड़े देश संघर्ष कर रहे है।अपने नागरिकों के जीवन की रक्षा उनकी प्राथमिकता है।स्थाई उपचार के लिए दवा की खोज जारी है।मानव जाति के लिए मुश्किल दौर है।
इसी मुश्किल की घड़ी में विश्व पर्यावरण को लेकर अच्छी खबर आ रही है।दुनियाँ में प्रदूषण के स्तर में अभूतपूर्व सुधर हुआ है।सागर,समुद्र से नीली रौशनी निकल रही है।नदियों का जल स्वछ,निर्मल हुआ है।जीव,जंतु,पशु,पक्षी स्वछ हवा,वातावरण से खुश हैं।जानवर,पशु शहरों की सड़कों पर आ जा रहे हैं।जालंधर,सहारनपुर जैसे कुछ शहरों से हिमालय की पहाड़ियां दिख रहीं है।प्रकृति हमें जीवन देती है।
     प्रकृति को दुनियाँ भर में हुए लॉकडॉउन से अभूतपूर्व लाभ हुआ है।रिपोर्ट यह भी आ रही है कि ओजोन छेद को प्रकृति ने भर दिया है।यह एक सुखद जानकारी है जो हमारे जीवन से जुड़ा है।सूर्य की बुरी किरणों से ओजोन लेयर हमें बचाता है।बीमारियों से हमारी रक्षा करता है।
     बुरे समय में दुनियाँ के सभी देशों ने अपने यहाँ लॉकडाउन लागू किया है।पर्यावरण में हुए अद्भुत लाभ को देखते हुए यह प्रयोग के रूप में आगे भी किया जा सकता हैं।लाभ होगा।प्रकृति की रक्षा के लिये अगर सभी देश मिलकर यह निर्णय लें कि प्रत्येक महीने के अंतिम शनिवार,रविवार को दुनियाँ में पूर्ण लॉकडाउन रहेगा।
मुश्किल है पर जिस प्रकार सभी ने मिलकर कोरोनॉ के डर से इसे लागू किया है उसी प्रकर प्रकृति को बचाने के लिए आगे भी इसे लागू किया जा सकता है।
विश्व समुदाय निर्णय करें।प्रकृति को बचायें।

Saturday, 25 April 2020

कोरोनॉ वायरस के कारण लॉक डाउन में देश के महाराष्ट्र,दिल्ली,पंजाब,हरयाणा,राजस्थान आदि राज्यों में फंसें मज़दूरों की घर वापसी कब होगी?

देश के विभिन्न राज्यों में फंसे मज़दूरों की घर वापसी कब होगी इसका इंतजार मज़दूर कर रहें हैं?लॉक डाउन
के कारण रोजगार नहीं है।रहने खाने की समस्या है।राहत का काम हो रहा है पर वह पर्याप्त नहीं है।कोरोनॉ ने आर्थिक,सामाजिक बर्बादी का भीषण संकट खड़ा कर दिया है।गरीबों,मज़दूरों का जीना मुहाल है।ऐसे माहौल में सभी अपने गाँव,घर जाना चाहते हैं।
महाराष्ट्र,दिल्ली,राजस्थान,पंजाब,हरयाणा राज्यों में अधिकतर बिहार,उत्तर प्रदेश,उड़ीसा के मज़दूर फंसे हैं।
उत्तर प्रदेश की सरकार ने अपने राज्य के मज़दूरों की घर वापसी के लिए आदेश दिए है।ज़ल्द वापसी होने लगे।सार्थक पहल है।
इसी प्रकार बिहार,उड़ीसा,झारखण्ड अदि सभी राज्य ब्यवस्था करें।जल्द वापसी हो।छोटे बच्चे,महिलायें,बुजुर्ग रहने,खाने को लेकर परेशांन है।काम नहीं है।रोजगार समाप्त है।क्या करें मज़दूर?
समस्या यह भी है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं
हो पा रहा है।एक जगह इकट्ठे लोग रह रहें हैं।कोरोनॉ बीमारी का खतरा भी बना है।गर्मी से भी परेशानी है।
सभी संबंधित सरकारें अपने मज़दूरों को घर वापसी की ब्यवस्था करें।गरीबों पर कृपा करें।


Thursday, 23 April 2020

धारावी,मुम्बई अविकसित एक स्लम क्यों बना?

धारावी,मुंबई लगभग 10-12 लाख अवादी का एक स्लम है।
मुम्बई के बीचों बीच यह  किसी बड़े शहर के बराबर है।
कॉरोना वायरस के कारण गंभीर समस्या खड़ी हो गई है।
घनी आबादी के कारण पॉजिटिव मरीजों की संख्या 
बढ़ती जा रही है।यही रफ्तार रहा तो विकट समस्या होने वाली है।
वर्तमान की सरकार,पुलिस,प्रशासन का प्रयास तो हो रहा है पर सबसे बड़ी समस्या नासमझी के साथ ही साथ घनी आवादी है।सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है।

रतन टाटा ने आज यह सवाल खड़ा किया है कि बड़े बड़े
बिल्डिंग्स तो बने मुंबई में पर स्लम को क्यों लगातार विकसित होने दिया? 
कोरोना समस्या ने धारावी में बेसिक सुविधाओं का अभाव,गंदगी का पोल खोलकर रख दिया है।
इसके लिए सरकारें तथा बिल्डर्स ज़िम्मेदार है।
बिल्डरों ने शिर्फ़ अपने फायदे का सोंचा।धारावी के विकास के लिए कुछ नहीं किया।
यही हाल देश के बड़े शहरों दिल्ली,नोएडा,कोलकाता,चेन्नई,हैदराबाद आदि शहरों की हो रही है।शहरों के विकास के प्लान में समाज में रोजमर्रा के कामों में लगे दाई, नौकर,ड्राइवर,नाई,दर्जी,कारपेंटर,धोबी,छोटे दुकानदार,सब्जी ठेला,रिक्शा वाले,सभी तरह के मिस्त्री आदि के रहने के लिए क्यों नहीं सोचा जाता?
इनके बिना समाज का काम भी नहीं चलता।योजनाबद्ध तरीके से इनके लिए भी बहुमंजिलें सस्ते छोटे फ्लैट्स बनाएं जा सकते हैं।कुछ काम मुंबई में हुआ भी है पर वह पर्याप्त नहीं हैं।

फिलहाल धारावी में पक्के मकान,फ्लैट्स बनें इसकी चर्चा यहां कर रहा हूं।बड़ा काम है।पर समस्या भी विकराल है।नर्क की ज़िन्दगी ज़ीने को मजबूर है जनता।
कॉरॉना से मुक्ति के बाद इस स्लम को योजनाबद्ध तरीके से बहुमंज़िले भवन का निर्माण सरकार नागरिकों की सहमति से करें।समस्या का समाधान हो ताकि बेसिक ज़रूरी सुविधाओं से युक्त धारावी विकसित हो।बिल्डर्स नाजायज लाभ लेने का प्रयास ना करें।गरीबों को राहत दें।सुखद,स्वस्थ जीवन जीने का हक मुहैया कराएं।

Monday, 20 April 2020

भीड़तंत्र का फैसला?

भारत जैसे प्रजातान्त्रिक इतने बड़े देश में भीड़तंत्र का फैसला सामूहिक हत्या कितना वाज़िब है?पालघर,महाराष्ट्र की घटना के पूर्व भी ऐसे उपद्रव होते रहे हैं।यह मानवता,इंसानियत की हत्या है।मानव से मानव की नफ़रत का पराकाष्ठा है।
राजनैतिक विवाद,धर्म,जाति,भाषा का मतभेद,सोशल साइट्स पर अफवाह पर ऐसी हत्यायें क्यों?
देश में भाईचारा,प्रेम,करुणा,दया,क्षमा का भाव ज़िन्द रहे यही ईश्वर से प्रार्थना है।
दुःखद हालात है।

Friday, 17 April 2020

देश में प्रवासी मज़दूरों का अपमान क्यों?

मुसीबत के समय प्रवासी मज़दूरों का सम्मान सभी विकसित राज्य करें।भगायें नहीं।
रहने,खाने की ब्यवस्था करें।देश के यह मज़दूर ही
आर्थिक तंगी से हमें बचायेंगे।विकास,अर्थ की
मज़बूत कडी हैं यह मज़दूर।
देश में उद्योग,बड़ी बड़ी इमारतों,सड़क का बनना,विकास के सारे काम बंद हो जाएंगे।मेहनत,स्किल्ड लेबर का काम कौन करेगा ???
मज़दूरों के बिना ठप हो जायेगी इन विकसित रार्ज्यो की ज़िन्दगी।
यह ड्रामा है वोट बैंक का।अपने लोगों को खुश करने का।दुःखद राजनीति है।
सभी राज्य हम हिंदुस्तानियों के हैं।देश का नागरिक किसी भी राज्य में रह सकता है।
हिंदुस्तान को एक रखें।प्रवासी मज़दूरों का सम्मान देश
के सभी राज्य करें।

Thursday, 16 April 2020

आडम्बर

आत्मा नहीं दुनियाँ में आडम्बर की क़द्र होती है।
सच्चा इंसान अभाव,मुफलिसी में जीता है।अभाव में ख़ुशी की तलाश रहती है।
कर्म करो और फल की चिंता ना करो गीता में 
श्रीकृष्णा ने यह कहा है।
आज के राजनैतिक माहौल में क्या यह संभव है?
जुगाड़ जो कर ले सरकार से वही गुणीजन है।
प्रकृति का निर्णय,संतुलन सही,सार्थक,उपयोगी 
होता है।दुनियाँ में कुछ भी स्थाई नहीं है।
वर्तमान समय का आनंद लें।सुखी रहेंगें।।