आडम्बर

आत्मा नहीं दुनियाँ में आडम्बर की क़द्र होती है।
सच्चा इंसान अभाव,मुफलिसी में जीता है।अभाव में ख़ुशी की तलाश रहती है।
कर्म करो और फल की चिंता ना करो गीता में 
श्रीकृष्णा ने यह कहा है।
आज के राजनैतिक माहौल में क्या यह संभव है?
जुगाड़ जो कर ले सरकार से वही गुणीजन है।
प्रकृति का निर्णय,संतुलन सही,सार्थक,उपयोगी 
होता है।दुनियाँ में कुछ भी स्थाई नहीं है।
वर्तमान समय का आनंद लें।सुखी रहेंगें।।

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