भारत जैसे प्रजातान्त्रिक इतने बड़े देश में भीड़तंत्र का फैसला सामूहिक हत्या कितना वाज़िब है?पालघर,महाराष्ट्र की घटना के पूर्व भी ऐसे उपद्रव होते रहे हैं।यह मानवता,इंसानियत की हत्या है।मानव से मानव की नफ़रत का पराकाष्ठा है।
राजनैतिक विवाद,धर्म,जाति,भाषा का मतभेद,सोशल साइट्स पर अफवाह पर ऐसी हत्यायें क्यों?
देश में भाईचारा,प्रेम,करुणा,दया,क्षमा का भाव ज़िन्द रहे यही ईश्वर से प्रार्थना है।
दुःखद हालात है।
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