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Tuesday, 23 June 2020

राजेन्द्र करण,लखनऊ शबीहों(पोर्ट्रेट) तथा समसामयिक कला के रचैता चर्चित चित्रकार हैं।

राजेन्द्र करण,लखनऊ शबीहों(पोट्रेट)के चितेरे हैं।इन्होंने अटल बिहारी बाजपेई,महात्मा गांधी जैसे अनेकों महापुरुषों के शबीहों को रचा है जो निजी तथा संग्रहालयों में संग्रहित है।पोर्ट्रेट में ब्यक्ति की आत्मा,उनके संस्कार,भाव,जीवन के रंगों को चित्रकार अपनी रचना में रचता, गढ़ता है।राजेन्द्र करण  शबीह(पोर्ट्रेट) निर्माण में ब्याक्ति कि आभा को सफलता पूर्वक उकेरने में माहिर है।यह चर्चित पोर्ट्रेट मास्टर हैं।
           समसामयिक कला रचनाकर्म में भी यह उतने ही सिद्धहस्त हैं।इनकी एब्सट्रैक्ट चित्र अति प्रभावशाली हैं जो दर्शकों को अपनी और आकर्षित करती हैं।आधुनिक कला की दुनियाँ बृहत् है।दुनियाँ में लाखों कलाकार सृजनरत हैं।हर दिन नए प्रयोग हो रहे हैं।इंस्टॉलेशन का ज़माना है।प्रयोगों की कोई सीमा नहीं रह गई है।कलाकारों को अपने आप को साबित करने के लिए अपने मौलिक वज़ूद को सहेजते हुए कुछ नया करना होता है।कलाकार इसी जद्दोजहत में संघर्ष करता रहता कि अपनी कलात्मक पहचान को स्थापित कर सकें।राजेंद्र चित्रों में थ्री डी से आगे रीयलिज़्म की दृश्य तकनीक की खोज में लगे हैं।
             राजेन्द्र करण ने यह काम अपने चित्रों को रचते वक़्त बखूबी निभाया है।इनकी तूलिका के आघात कैनवास पर अलग लयकारी प्रस्तुत करती हुई दिखती हैं।संगीतमयी स्वर लहरियों की अनुभूति डांसिंग स्ट्रोक्स आनंद का अनुभव कराती हैं।पंछियों की मधुर आवाज हवा में अद्भुत लहर चित्रों में महसूस कराती हैं।रंगों के छाया,प्रकाश,गहराई/डेफ्थ से चित्रों में बहुआयाम का अहसाह होता है।
              राजेन्द्र करण के चित्रों की खासियत इनके रंगों का चयन है।चित्रों के रंगों के फैलाव कैनवास पर फूलों की महक,ख़ूबसूरत ठंढी हवाओं का अहसास कराती है।विस्वास है राजेंद्र करण अपनी कलात्मक रचनाओं से समाज को रूबरू कराते रहेंगें।राजेन्द्र की कला का रासास्वादन करें।रुकें फिर देखें।
असीम संभावओं के कलाकार है राजेन्द्र करण।

अनिल कुमार सिन्हा
चर्चित चित्रकार,कला समीक्षक।
नॉएडा।

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